NCERT Class 6 history chapter 2

NCERT Class 6 history chapter 2

यह नोट्स प्रतियोगी परीक्षाओं को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है। इस अध्याय में हम लोग ncert class 6 history chapter 2 का संक्षिप्त अध्ययन करेंगे अतः हम लोग निम्नलिखित प्रमुख बिंदुओं पर चर्चा करेंगे।

~आरम्भिक मानव की खोज में

आरंभिक मानव : आखिर इधरउधर क्यो घूमते थे?

पाषाण औजारों का निर्माण

आरंभिक मानव के बारे में जानकारी कैसे मिलती है?

आग की खोज

नाम और तिथियां

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आरंभिक मानव : आखिर में इधरउधर घूमते क्यों थे?

इस टॉपिक पर सिर्फ इतना कहा गया है कि, आरंभिक लोग खाना के लिए और शिकार के लिए इधरउधर घूमते थे , जिस कारण से इन्हें आखेटकखाद्य संग्राहक के नाम से जाना जाता है।

आखेटकखाद्य संग्राहक समुदाय के लोग एक जगह से दूसरी जगह घूमते रहने के पीछे चार कारण बताए गए हैं पहला कारण यह है कि अगर वह एक जगह पर ज्यादा दिन रहते तो उस जगह की पेड़ पौधे फल और जानवर को खा कर समाप्त कर देते थे इसलिए उन्हें भोजन की तलाश फिर दूसरी जगह पर जाना पड़ता था।

दूसरा कारण यह बताया गया है कि वह अपने शिकार के लिए या फिर हिरन और मवेशी अपना चारा ढूंढने के लिए एक जगह से दूसरे जगह जाते थे, अतः वे इन जानवरों के पीछे पीछे जाया करते थे।

तीसरा कारण यह बताया गया है कि फूल फूल अलगअलग मौसम में आते है, तो वातावरण के अनुसार भोजन की तलाश में यह लोग एक जगह से दूसरी जगह जाते थे।

चौथा कारण यह बताया गया है कि नदियों, झीलों और झरनों में पराया पानी सूख जाया करते थे जिस कारण से वह पानी की तलाश में इधरउधर जाते थे।

पाषाण औजारों का निर्माण

पाषाण उपकरणों को दो तरीकों से बनाया जाता था

  1. पत्थर से पत्थर को टकराकर
  2. दबाव शल्कतकनीक

आरंभिक मानव के बारे में जानकारी कैसे मिलती है?

पुरातत्वीदो को कुछ ऐसी वस्तुएं मिली है, जिनका निर्माण और उपयोग आखेटकखाद्य संग्राहक किया करते थे। यह संभव है कि लोगों ने अपने काम के लिए पत्थरों , लकड़ियों और हड्डियों के औजार बनाए हो। इन्हीं औजारों का अध्ययन करके आरंभिक मानव के बारे में जानकारी मिलती है। यह औजार कई जगहों से प्राप्त हुआ है। यह स्थान पूरास्थल है जहां पर आखेटकखाद्य संग्राहको के होने के प्रमाण मिले हैं, इनके अलावा भी और कई स्थानों पर आखेटक खाद्यसंग्राहक रहते थे। निम्नलिखित तालिका में काल के आधार पर महत्वपूर्ण स्थल दिये गए है।

पुरापाषाणिक पुरास्थल भीमबेटका, हुँस्गी,कुरनूल गुफाएं
नवपाषाणिक पुरास्थल हल्लुर, पैय्यमपल्ली, चिरांद, कोलडीहवा, महागढ़ा, बुर्जहोम, मेहरगढ़, दाओजली हेडिंग,
महापाषाणिक पुरास्थल ब्रह्मागिरी, आदिचन्नलूर
आरंभिक गांव इनामगाँव,
आधुनिक गांव मुंबई, कोलकाता

हुँस्गी में पूरापाषाण युग के कई पुरास्थल मिले हैं। कोई पूरा स्थलों से अलगअलग कार्यो में लाए जाने वाले कई प्रकार के औजार मिले थे

पुरास्थल किसे कहते हैं?

उत्तरपुरास्थल उस स्थान को कहते हैं जहां औजार बर्तन और इमारतों जैसी वस्तुओं के अवशेष मिले हैं।

आग की खोज

कुरनूल गुफा से राख के अवशेष मिले हैं अर्थात इसका मतलब यह हुआ कि आरंभिक लोग आग जलाना सीख गए थे। ऊपर की तालिका में दिया हुआ है कुरनूल गुफा पुरापाषाणिक पुरास्थल है।

नाम और नीतियां

पुरापाषाण काल दो शब्दोंपुरायानी प्राचीन औरपाषाणयानी पत्थर से बना है। काल को तीन भागों में विभाजित किया गया हैआरंभिक‘ , ‘मध्यएवंउत्तरपुरापाषाण काल

काल तिथियां
आरंभिक काल (पुरापाषाण काल) 20 लाख से 12000 साल पहले तक का काल
मध्य पाषाण काल 12000 से 10000 साल पहले तक का काल
नवपाषाण काल 10000 साल पहले तक का काल

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